ना कोई हिन्दू रहा, ना कोई मुस्लिम बचा ( interactions of Indian culture and Islam.)
ऐ अहल-ए -वतन ! चाहे कितनी भी कसरत कर लो , लड़ लो ,मार डालो या मर जाओ; ना हिन्दुस्तान की अनहद संस्कृति में ना कोई हिन्दू बचा है न कोई मुसलमान रहा है , कुछ सलामत है और आख़िरत तक यूँ ही शान से सलामत रहेगा तो वो हैं हिन्दुस्तानी और उनका हिन्दुस्तान। आइये अब समझते हैं की क्या बचा है हम सब में, कैसे इस्लाम ने हिन्दुस्तानी सभ्यता को प्रभावित किया है और खुद भी कैसे प्रभावित होने से नहीं बच पाया है , पहले इस्लाम के आगमन और विकास ने हिंदुस्तानी संस्कृति को कैसे प्रभावित किया है ये समझते हैं मध्यकालीन काल में हिंदू समाज पर इस्लाम का प्रभाव ऐतिहासिक साक्ष्यों से अच्छी तरह से देखा जा सकता है। यहां कुछ क्षेत्रों में इस्लाम के प्रभाव को श्रेणीबद्ध किया जा सकता है, जैसे लोगों के खाने-पीने, पहनावे और सामाजिक जीवन पर प्रभाव; आदर्श, विश्वास और मूल्य; पर्दा प्रणाली; भाषा और साहित्य; कला और स्थापत्य; संगीत और चित्रकारी। आम तौर पर, जब ...