कब क्या खाना चाहिए कुछ देशी कहावतों से जानें।
जनवरी-फरवरी : जनवरी और फरवरी में मिश्री ।
मार्च-अप्रैल : इस समय गुड़ ।
अप्रैल-मई : तेल व तली-भुनी चीजें ।
मई-जून : इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून-जुलाई : हरी सब्जियों के सेवन से बचें।
जुलाई-अगस्त : दूध व दूध से बनी चीजों के साथ ही हरी सब्जियां भी न खाएं।
अगस्त-सितंबर: छाछ, दही ।
सितंबर-अक्टूबर : करेला
अक्टूबर-नवंबर : दही और दही से बनी अन्य चीजें ।
नवंबर: दिसंबर : इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दिसंबर-जनवरी : इन दोनों माह में धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है।
किस माह में क्या खाएं या करें?
चैत चना, बैसाखे बेल, जैठे शयन, आषाढ़े खेल, सावन, हर्रे, भादो तिल।
कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल।
माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्रात नहाय।
जनवरी-फरवरी : घी, खिचड़ी
फरवरी-मार्च : घी, खिचड़ी और सुबह जल्दी नहाना फायदेमंद है।
मार्च-अप्रैल : चना का सेवन करें।
अप्रैल-मई : बेल
मई-जून : इन माह में पर्याप्त नींद लेना अति आवश्यक है। अन्यथा इसका बुरा प्रभाव झेलना पड़ सकता है।
जून-जुलाई : अधिक से अधिक व्यायाम और खेलना-कूदना आदि क्रियाएं करें।
जुलाई-अगस्त : हरड़ का सेवन करें।
अगस्त-सितंबर : तिल खाएं।
सितंबर-अक्टूबर : गुड़ का सेवन करें, बहुत फायदेमंद रहेगा।
अक्टूबर-नवंबर : मूली
नवंबर: दिसंबर : तेल, तेल से बनी हुई चीजे अधिक खाएं।
दिसंबर-जनवरी : नियमित रूप से दूध अवश्य पीएं।साथ ही एक सेब प्रतिदिन अवश्य लें।
Hindu Calendar Months Name In Hindi
- चैत्र (मार्च-अप्रैल)
- वैशाख (अप्रैल -मई )
- ज्येष्ठ (मई -जून )
- आषाढ़ (जून-जुलाई)
- श्रावण(जुलाई-अगस्त)
- भाद्रपद(अगस्त-सितम्बर)
- आश्विन (सितम्बर-अक्टूबर)
- कार्तिक (अक्टूबर-नवम्बर)
- मार्गशीर्ष(नवम्बर-दिसम्बर)
- पौष (दिसम्बर-जनवरी)
- माघ (जनवरी-फरवरी)
- फाल्गुन (फरवरी-मार्च)
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